Tuesday, February 10, 2015

दिल्ली चुनाव के नतीजों से एक लहर शान्त हो गई है और दूसरी लहर उठाई जा चुकी - यह कितने दिन टिकेगी?


दिल्ली के चुनावी नतीजों से एक बात तो काफी स्पष्ट हो गई है कि लोग बदलाव चाहते हैंझूठे वादे करके लोगों को और भ्रमित करना देश को लूट रहे कुछ मुठ्ठीभर लोगों के लिये मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि हर चुनाव में जनता के सामने खड़ी की जा रही फर्जी समस्याओँ और मशीहाओं के वादों से जनता का तेजी से मोहभंग हो रहा है। धर्म-जाति या अन्य गैर मुद्दों के नाम पर लोगों को मुख्य मुद्दे से भटकाने के प्रयास आज सफल नहीं हो रहे हैं।
सभी चुनावों के दौरान, और बाद में भी बिजली-पानी-सड़कों जैसे कुछ मुद्दे उठाकर कोई एक चुनाव जीत जाता है। लेकिन लोगों की जिन्दगी से जुड़े अहम मुद्दे गायब होते है। जनता के सबसे अहम मुद्दे क्या हैं यह समझना किसी भी राजनीतिक पार्टी की राजनीति को समझने के लिये बहुत ज़रूरी है। किशी भी राज्य की सबसे बड़ी आबादी काम करने वाले हैं, और हर काम करने वाले व्यक्ति के लिये उसके काम से जुड़े मुद्दे सबसे अहम होते हैं, जैसे हर व्यक्ति के लिये रोजगार का अधिकार और काम करने की बेहतर परिस्थितियों और जीने लायक वेतन की गारण्टी। यह मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण इसलिये हैं क्योंकि इनसे हर व्यक्ति का हर दिन, हर घण्टे सामना होता है। लेकिन आज-कल चुनावी प्रचार में कोई भी पार्टी इन मुद्दों को नहीं उठाती। काम करने वाली बड़ी आबादी को भी, जो ठेके पर, दिहाड़ी पर या बेरोज़गारी में जीती है, उसे यह विश्वास दिला दिया जाता है कि काम के अलावा बाकी सभी मुद्दे उनके लिये भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। लेकिन उसका पूरा जीवन काम, काम की परिस्थितियों और वेतन के इर्द गिर्द संघर्ष करते हुये कटता है।
यहाँ तक कि राष्ट्रीय स्तर पर मज़दूरों से गद्दारी कर चुकी लाल झण्डे वाली कम्युनिस्ट पार्टियाँ भी, जो खुद तो काम करने वालों की कोई माँग उठाती नहीं हैं, इस बार दिल्ली दुनाव में खुले रूप से पूँजीपतियों की गोद में जा बैठी थीं।
हर चुनावी नतीजे के बाद यह सिद्ध हो रहा है लोग वास्तव में ऐसा बदलाव चाहते हैं जिससे उनकी जीने और काम करने की परिस्थितियाँ वास्तव में बदलें। अभी तक देश की व्यापक आबादी के सामने कोई ऐसा विकल्प खड़ा नहीं हो सका है जिसमें आम लोग खुद हिस्सेदारी करें और चीजों को बदलने के लिये अपनी पहलकदमी के साथ शामिल हों। लोग चाहते हैं कि उनके हालात वास्तव में बदलें, और एक ऐसी व्यवस्था खड़ी की जाये जहाँ हर व्यक्ति को सम्माननीय रोजगार मिल सके, हर व्यक्ति मेहनत करे और जहाँ किसी को भी मुनाफ़ाखोरी के दम पर बिना काम के सम्पत्ति इकठ्ठी करने का मौका न मिलता हो।
इनमें से शायद कोई भी बदलाव वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष में अभी नहीं हो रहा है। लेकिन वास्तविक बदलाव के लिये किसी कारगर विकल्प के आभाव में जनता कभी एक तो कभी दूसरा विकल्प आज़मा रही है। और विकल्पों के इन झूटे भ्रमों से लोगों का मोहभंग भी उतनी ही तेजी से हो रहा है।
भाजपा की लहर तो 9 महीनों में ही समाप्त हो चुकी है। देखते हैं कि आम आदमी पार्टी का भ्रम कितने दिनों में टूटेगा।
खुली मुनाफ़ाखोरी और पूँजीवादी विकास के साथ बढ़ती घोर असमानता देश के स्तर पर काम करने वाली मेहनतकश गरीब जनता और नौजवानों की परिस्थितियाँ किस तरह भयानक स्तर तक जा रही हैं, इसका अन्दाज शायद काफी लोगों को नहीं है, इसके बारे में सारे आंकड़ों के साथ अगले पोस्ट में यह सिद्ध करूँगा कि वास्तव में क्या बदलाव लोगों के लिये जरूरी है, जो सभी चाहते हैं, और जिसके बारे में कोई भी चुनावी राजनीतिक करने वाली पार्टी कुछ नहीं बोलती।


नीचे मैं Reference के लिये आम आदमी पार्टी काे Manifesto के सारे बिन्दु दे रहा हूँ :


These are 20 agenda of AAP. I don’t found anything related to education and employment, contractual workers, ensuring labour laws, monitoring of working hours, increasing wages.
(Reference: Highlights of AAP's manifesto, The Hindu, 31 January 2015)
1. Make Delhi a hub for education, tourism, trade and service sector ensuring employment generation.
2. 15 lakh cameras to be installed to improve women's safety.
3. Retirement age for Delhi Government employees to remain 60, will bring housing and cashless health scheme for them.
4. Stop dumping of industrial waste and sewerage into Yamuna.
5. Promote generic drugs, give security to doctors.
6. Every village will have school and hospital, no forcible land acquisitions.
7. Farmers to be provided subsidised seeds and fertilisers.
8. Reduce VAT in the Capital, to check evasion and inflation.
9. Education system to produce job providers not job seekers.
10. Citizens' Lad Funds will be introduced, people will decide how to spend money meant for their development.
11. Ensure free lifeline water of up to 20 kiloliters (20,000 liters) to every household per month.
12. Build 2 lakh toilets across Delhi: about 1.5 lakh toilets in slums and JJ clusters and 50,000 toilets in public area.
13. Build 500 new schools with a special focus on secondary and senior secondary schools.
14. Create 900 new Primary Health Centers (PHCs) and 30,000 more beds in Delhi hospitals.
15. Set up Mahila Suraksha Dal or Women’s Security Force made up of a 10,000 strong Home Guard.
16. Make Wi-Fi freely available in public spaces across Delhi.
17. Fill 55,000 vacancies in the Delhi government and autonomous bodies of the Delhi Government.
18. Delhi Ridge will be protected from encroachment and deforestation.
19. Prevent drug trafficking by means of tight monitoring and ensuring strict punishment for the guilty.
20. Initiate a universal and non-contributory old age pension system.

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